मेरे प्यार को इतना मशहूर कविता अंबिका राही mere pyar ko itana mashahoor kiya poem ambika rahee

कविता by Ambika "rahee"

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

मेरी आंखों को हकीकत दिखाया तुमने 
जो कभी सुना नहीं वह बात बताई तुमने
कितना झूठ बोला मेरी आंखों में आंखें डालकर तुमने
मुझे खुद की नजरों में भी कितना शर्मसार किया तुमने

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

अब भी मेरी यादों में मेरे ख्वाबों कभी-कभी आती है
होकर दूर मुझसे क्यों दिल जलाने आती है
आज भी मुझे हिचकी बहुत आ रही है
कहीं दूर फिर से याद किया तुमने

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

तुमको पाकर हमने कहा जहां पाया हमने
अपनी हर सांस भी तुम्हारे नाम किया हमने
मैंने तो खुले दिल से तुम्हें हर पल चाहा
और दिल में फरेब  रखकर प्यार किया तुमने

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

मेरा दिल भी पहले हंसता था बीमार किया तुमने
कोई इलाज नहीं है ऐसा रोग दिया तुमने
हर जगह अब तनहाई सताती है
आज मुझको इतना अकेला किया तुमने

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

अंबिका राही तो अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहा था
धीरे-धीरे सही पर हर कदम चल रहा था
अपने घर में बिठाकर बर्बाद किया तुमने

मेरे प्यार को इतना मशहूर  कर दिया तुमने
कोई और पास आया तो मुझको दूर कर दिया तुमने

अंबिका राही

www.ambikaraheepoem.blogspot.in

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