कविता अम्बिका राही द्वारा
देवी राधा को समर्पित !!!!!!!!!
तुमसे मेरा रिश्ता राधा! सात जन्मों से पुराना है
जिस दिन मैं न देखूं तुमको सारी रात मैं जगता हूँ
ऑंखें बन्द करू मैं फिर भी तेरा चेहरा तकता हूँ
कितना दर्द भरा है जीवन तेरे जाने से जाना है
मिला सहारा है यादों का तुम्ही हो जीवन जाना है
तुमसे मेरा रिश्ता राधा !! सात जन्मों से पुराना है
जान से प्यारी हो तुम देवी खुलकर आज मैं कहता हूँ
एक झलक पाने की खातिर हर पल तुमपर मरता हूँ
हँसता हुआ देखकर तुमको मेरी आत्मा खुश हो जाती है
सात समुन्दर पार हो फिर भी तुमसे बात हो जाती है
हमने तेरी छवि को राधा !!! प्यार की देवी माना है
तुमसे मेरा रिश्ता राधा !!! सात जन्मों से पुराना है
तुम बिन कहीं न दिल लगता है तुम्ही बताओ क्या करूँ
मेरे दिल में हैं जो भी बातें कैसे उनको बयां करूँ
रहे सलामत अमर प्रेम हमारा खुदा से ऐसे दुआ करूँ
जो भी साँस बची है मुझमें वह भी तेरे नाम करूँ
मर जाता मैं यूँही जीकर तुमने दिया सहारा है
तुमसे मेरा रिश्ता राधा!!! सात जन्मों से पुराना है ।
अम्बिका राही
www.ambikaraheepoem.blogspot.in
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